Friday, October 8, 2010

आहा !दुर्गापूजा !मन उत्साह से भर उठा है .शारदीय नवरात्रा में तो लगता है मनो पूरी प्रकीर्तिदेवी का स्वागत कर रहि हो .वातावरण में एक नयी उमंग एक नया उत्साह एक नई ताजगी का अहसास छा जाता है .मौसम अचानक से बदल जाता है ,बरसात कीउमस वाली गर्मी से राहत मिलती है क्योंकि खुश्क हवा माहौल को खुशनुमा बना देती है
मेरे लिए तो दुर्गा पूजा शुरू होने का मतलब -दस दिनों तक सात्विक भाव से देवी की पूजा ,अर्चना ,आरती भोग -नए कपडे ,तरह तरह के नए पकवान -अंतिम तीन चार दिन ,पंडालों में जा कर प्रतिमा दर्शन ,घूमना -फिरना ,सम्बन्धियों से मिलना .सचमुच जीवन में एक ताजगी छा जाती है । आईये त्यौहार मनाएं ,
जीवन में नयापन लायें । मेरी शुभ कामनाएं ।

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