Thursday, August 22, 2013

मनहूस रात !

.अचानक कुत्ते के रोने कि आवाज  से नींद खुल गयी.अजीब मनहूस आवाज में कुत्ता जोर- जोर से रोये जा रहा था कुत्ते के रोने के बारे में इतने  डरावने  किस्से सुन चुकी हूँ की मन आशंकाओं में डूब गया.कुछ दिनों पहले की बात है ,मेरी पड़ोसन कमला जी के नंदोई बीमार पड़े ,उनका इलाज चल ही रहा था .कमला जी ,उनको दखने रांची के लिए गाड़ी से जैसे ही निकली दिन के समय .उनकी गाड़ी के पीछे कुत्ता जोर से रोया.मै उनको विदा करने निकली थी.कमला जी ने तो आवाज नहीं सुनी ,लेकिन मेरे रोंगटे खड़े हो गए .किसी तरह कुत्ते को भगाया.वहाँ पहुंच कर कमला जी ने फोन किया ,उनके नंदोई गुजर चुके थे.अभी आवाज इतनी तेज थी की लगा कहीं मेरी खिडकी के नीचे ही न हो.कहते हैं कुत्ता ,जिस घर की तरफ मुहं करके रोता है ,कुछ अनहोनी घटती है .मै चुप-चाप बिस्तर से उठी खिडकी से सर बाहर निकाल कर देखा ,कुत्ते का सर दिख रहा था.बाहर चांदनी रात थी .कुत्ता मैदान की और मुहं करके फिर रोया .मुझे बड़ी तसल्ली हुई.फिर भी मैंने जोर से हल्ला करके उसे भगा दिया.मेरी आवाज से इनकी भी नींद खुल गयी.इन्होने पूछा क्या हुआ ?मैंने कहा यूँ ही कुत्ता ज्यादा शोर मचा रहा था ,मैंने भगा दिया.ये तो करवट बदल कर सो गए ,मुझे पता नहीं कब नींद आएगी