Wednesday, December 6, 2017

शिक्षालय नही घोटालय

 एक वो समय था जब भागलपुर शिक्षा के लिए जाना जाता था | इसका प्रमाण विक्रमशिला के खंडहरों  को देख कर समझा  जा सकता है |लेकिन एक ये दिन है उसी भागलपुर मे ,विश्व विद्यालय इस कदर शिक्षा माफिया के चंगुल में  फंस गया है की  शिक्षा से सम्बन्धित जितने भी कुकर्म होते हैं सारे किये जा रहे हैं |
भागलपुर का मारवाड़ी कॉलेज कइ  मायने में अभी भी अपनी प्रतिष्ठा को बनाए रखने में सफल रहा है |
लेकिन इधर कई सालों से जो डर्टी पोलटिक्स कॉलेज में देखा जा रहा है वह  निंदनीय है| एक तरफ कोलेज की प्रतिष्ठा धूमिल हो रही  है दूसरी तरफ कोलेज के प्रभारी प्राचार्य को जिस तरीके से अनर्गल आरोप लगा कर ,जाँच कमिटी बना कर उन्हें कार्य मुक्त करवाने की गंदी चाल  चली गयी है वह  काफी अपमानजनक है | उनकी छवि एक अच्छे शिक्षक के रूप में रही है| प्रभारी प्राचार्य की जिम्मेदारी  ईमानदारी से निभा रहे थे ,इसे में उन पर वित्तीय अनियमितता एवं दुर्व्यवहार का झूठा आरोप लगा कर पद से हटाना मानसिक प्रताड़ना है |सुबह अख़बार में देख कर आश्चर्य हुआ |जिन्दगी भर कमाई प्रतिष्ठा गवां बैठे \| यश पाने में वर्षों लगते है अपयश जंगल की आग समान फैलने में देर नही  लगती जब जाँच कमिटी अपनी रिपोर्ट देगी जब देगी तब देगी ,तब तक वो किस किस को अपने इमानदार होने का प्रमाण देते फिरेंगे |आपोप इतने गम्भीर भी नहीी हैं श्रीमान कुलपति इसे अपने स्तर पर निपटा सकते थे |रिटायरमेंट  से पहले उनके कैरियर पर एक दाग  लग गया |