Sunday, August 27, 2017

बिहार की गत

कौन बनेगा करोड़पति शुरू होने वाला है...और सामने हैं सृजन घोटाला । इसीलिए, उसी तर्ज़ पर पूछती हूँ, । प्रश्न है, बिहार  के विकास को किसने रोका ?किसने लूटा ? आपके सामने चार ऑप्शंस हैं.... शिक्षा माफिआ ने, जातिवाद ने, डॉक्टरों ने  या भर्ष्टाचार ने ?  उत्तर  चौकाने वाला है. क्योकि ये चारों ऑप्शंस सही हैं.  बिहार को सबने मिल के लूटा है ।चारों ने विकास के चारों हाथों पैरों को पकड़ लिया और नेता ने पीछे से एक लात मारी। बिहार का विकास चारों खाने चित ! चूँकि लात नेता ने मारी तो बदनाम बेचारा नेता हो गया. लूटा तो सबों ने मिल के है !  सवाल का जवाब थोड़ा छोटा है, इसीलिए इस मुद्दे पर फोकस डालना ज़रूरी है। बिहार को शिक्षा माफिआ ने इस कदर बदनाम किया कि सही प्रतिभाशाली विद्यार्थियों की डिग्री का माखौल बन रहा है ।डीग्री घोटाले में धरपकड़ अभी चल ही रही थी की टौपर घोटाला  सामने आ गया!  यहां जातिवाद लोगों की रगों मे है । चुनाव में नेता चाहे कितना भी तगड़ा  हो, जनता उसी को वोट देती  है, जो उसकी जात का है.  भर्ष्टाचार का आलम ये है, की सरकारी अधिकारी, कर्मचारी, ठेकेदार सब मिल के खाते हैं. और उसके बाद  जो चीज़ बनती है वो बनते-बनते ही टूटने लगती है. फिर चाहे वो पुल हो या सड़क. ।डॉक्टर इस कदर मरीज़ को लूटते हैं, की वो कंगाल बन जाता है। आप एम्स मे जा कर देखें ,75% मरीज बिहारी होते हैं ।. और अंतत 'ऐम्स' में जा के इलाज करवाता है. एक नमूना देखें की हड्डी वाले  डॉक्टर का तीसरी मंजिल  पर अपना क्लिनिक  है. उसकी फीस ७०० है लेकिन नीचे उतर कर  मरीज को देखने की फीस १००० रूपये हैं ।टूटी हुयी हड्डी की वजह से मरीज़ ऊपर जा नहीं पाता, डॉक्टर साब नीचे उतारते हैं और १००० रुपये फीस वसूल के ऊपर चले जाते हैं. वैसे उनके आलिशान मकान में लिफ्ट नही है पर पोर्टिको के ऊपर तक गाडी जाती है. लेकिन ठेला नहीं जा पाता है. इस प्रतियोगिता मे कोई इनाम नहीं है... ईनाम के बदले है धमकी !  ज्यादा फटर फटर किये तो घर  में घुस के मारेंगे।

होप लेस केस


कौन बनेगा करोड़पति शुरू होने वाला है...और सामने हैं सृजन घोटाला । इसीलिए, उसी तर्ज़ पर पूछती हूँ, । प्रश्न है, बिहार  के विकास को किसने रोका ?किसने लूटा ? आपके सामने चार ऑप्शंस हैं.... शिक्षा माफिआ ने, जातिवाद ने, डॉक्टरों ने  या भर्ष्टाचार ने ?  उत्तर  चौकाने वाला है. क्योकि ये चारों ऑप्शंस सही हैं.  बिहार को सबने मिल के लूटा है ।चारों ने विकास के चारों हाथों पैरों को पकड़ लिया और नेता ने पीछे से एक लात मारी। बिहार का विकास चारों खाने चित ! चूँकि लात नेता ने मारी तो बदनाम बेचारा नेता हो गया. लूटा तो सबों ने मिल के है !  सवाल का जवाब थोड़ा छोटा है, इसीलिए इस मुद्दे पर फोकस डालना ज़रूरी है। बिहार को शिक्षा माफिआ ने इस कदर बदनाम किया कि सही प्रतिभाशाली विद्यार्थियों की डिग्री का माखौल बन रहा है ।डीग्री घोटाले में धरपकड़ अभी चल ही रही थी की टौपर घोटाला  सामने आ गया!  यहां जातिवाद लोगों की रगों मे है । चुनाव में नेता चाहे कितना भी तगड़ा  हो, जनता उसी को वोट देती  है, जो उसकी जात का है.  भर्ष्टाचार का आलम ये है, की सरकारी अधिकारी, कर्मचारी, ठेकेदार सब मिल के खाते हैं. और उसके बाद  जो चीज़ बनती है वो बनते-बनते ही टूटने लगती है. फिर चाहे वो पुल हो या सड़क. ।डॉक्टर इस कदर मरीज़ को लूटते हैं, की वो कंगाल बन जाता है। आप एम्स मे जा कर देखें ,75% मरीज बिहारी होते हैं ।. और अंतत 'ऐम्स' में जा के इलाज करवाता है. एक नमूना देखें की हड्डी वाले  डॉक्टर का तीसरी मंजिल  पर अपना क्लिनिक  है. उसकी फीस ७०० है लेकिन नीचे उतर कर  मरीज को देखने की फीस १००० रूपये हैं ।टूटी हुयी हड्डी की वजह से मरीज़ ऊपर जा नहीं पाता, डॉक्टर साब नीचे उतारते हैं और १००० रुपये फीस वसूल के ऊपर चले जाते हैं. वैसे उनके आलिशान मकान में लिफ्ट नही है पर पोर्टिको के ऊपर तक गाडी जाती है. लेकिन ठेला नहीं जा पाता है. इस प्रतियोगिता मे कोई इनाम नहीं है... ईनाम के बदले है धमकी !  ज्यादा फटर फटर किये तो घर  में घुस के मारेंगे।

Monday, August 21, 2017

बोलते अक्षर: एक बहन की मांग

बोलते अक्षर: एक बहन की मांग

एक बहन की मांग

< सौरी भैया ,मैने.आपको राखी नही बांधी ,ऐसा पहलीवार हो रहा है और मैने सोच समझ कर ये फैसला किया,अब मैं कमजोर नहीं हुँ।आत्मरक्षा मैं कर सकती हुँ।लेकिन भैया तुम सिर्फ मेरी रक्षा करते हो बाकी लडकियों के लिए तुम भेडिये हो।एक ऐसा भेडिया जिसकी लपलपाती नजरें हर वक्त अपना शिकार ढूढ रही होती हैं।वो जगह चलती बस हो,कार हो,सड़क,पड़ोस,घर कहीं हो सकती है।उसकी कातर आँखें तुम्हें पहचान रही होंगी ,तो तुम उसे फोड़ डालते हो।अगर ज्यादा छटपटाइ होगी,तब अपने चार,पाँच,छे साथियों के साथ उसके टांग हाथ तोड़ने मे तुम्हें दया नहीआती?उसकी मर्मातक चीखें ,तुम्हें सोने देती है?कोइ इंसान इतनी विभत्स हत्या कर सकता है? जानवर भी इतना क्रूर नही होता।उस वक्त तुम चाहे पढ़े लिखे हो या मजदूर सभी बन जाते हो नरपिशाच ।भैया मै तुमसे या किसी से रक्षा नही चाहिए ।हमें चाहिए भरोसा। एक ऐसे समाज मे रहने का जहाँ हम तुम्हारी तरह रहें जब चाहें जहाँ चाहें जाऐं अपनी पसंद का पहनू।मुझे अपने लिए भैया बाकी}यों के लिए भेढडि़या नही चाहिए।हमें ऐसा भरोसा दोगे भैया? ।