Thursday, June 8, 2023

आमहि आम

 आमक महिमा 

एखन आमक समय चलि रहल अछि .आमक नाम लिय त गाम मोन पडैत अछि आ गाम क नाम लिय त आम ! सेब -समतोला लोग खेलक नई खेलक कोनो बात नई ,प्राय लोग डाक्टरे के कहला पर खाईत अछि \मुदा आम,कतबो महग हुए लोग खाईते टा अछि ,मोनक संतुष्टि के,के कहै ,अत्मा तक तृप्त भ जाईत छईक |

जे जन सुतली अन्हरिया राति में ,बिहाड़ी एला पर ,गाछी कलम में आम बिछय गेल होथिन हुनका सब के एकर आनन्द आजीवन मोन रहतनि |

अहि प्रसंग में विशेष ई जे लोग अप्पन कलम मे पाछु काल ,

दोसर के कलम में पहिने जईत छल |

दोसर दिन बाबी,पीसी ,काकी सब गोटे टिकुला सोही सोहि आमिल बनब में बेहाल भेल रहैत छलखिन |

अपना सब दिस आमक विविधता सेहो प्रस्सन करय बला अछि ओ लोकनी दसहरी आ लंगड़ा खा क तृप्त भ जाईत छथि |जखन की एम्हर बम्बई ,कृष्ण भोग ,करपुरिया मालदह ,सुगवा कलकतिया वगैरह कत्ते कही ,तहिना आमक तरह तरहक आचार ,कुच्चा ,फाड़ा भरुआ ,आ सबसँ विशेष अमोट ,जे बादो में थोड़े बहुत आमक कमी पूरा करैत छईक ,पेटक गरमी सेहो दूर होइत छैक .मतलब किछु बर्बाद नहि हेबाक चाही हम शहर में रहय वाला . .,आमक कतरा खाय वाला लोग के कहैत छियनी , गाम जे छोड़ि देलियई ई तकरे सजा अछि ,कम स कम आमक समय में अवश्य गाम आऊ कीनल फल त सब दिन खाईते छी ,एक बेर आम तोड़ि क खाउ ! . .