Thursday, February 15, 2024

सफरी ने ताज देखा

 बेशक हमारी यात्रा ,यादगार यात्रा साबित हो रही है उसमें जिस ट्रेन से हम सफर कर रहे हैं 'अजिनाबाद एक्सप्रेस'उसका भी सहयोग है। ट्रेन पर

 चढ़ने के बाद काफी नाक भौं सिकोड़ा था यहां तक,कहा कि ये अंगरेजों की बनाई ट्रेन है,जो उन्होंने अपने नौकरों के लिए बनवाई होंगी।खुद तो काफी लंबे चौड़े हुआ करते थे इतने संकरे सीटों पर क्या तो बैठ पाते होंगे,छोटा सा टॉयलेट,जंजीर लगा मग्गा,जिसे कितनी भी कोशिश कर लो उदेश्य सफल नहीं होता। उपर से गंदगी।खैर रात की ट्रेन थी ,चढ़ते ही अपनी अपनी तय   बर्थो पर सो गए,करवट लेने का कोई स्कोप नहीं था,एक ही करवट सो रहे।

सुबह नींद खुली तो खिड़की से झांका लिखा था 'प्रयाग राज '!वही पौराणिक पवित्र स्थान,जिसका वर्णन वाल्मिकी रामायण में है।

तो हम प्रयाग राज में थे। मन खुश हो गया। ये तो वही बात हुई जिसके बारे में सोचा भी न था वो अनायास हो गया। अदृश्य भगवान पर मेरी आस्था बढ़ गई।
संगम नहाए या नहीं इस पर गौर बिल्कुल न करे़ंं, प्रयाग राज में प्रवेश और प्रयाण हो गया।हम धन्य धन्य हो गए। 
साईड लोअर की सीट पर आड़े तिरछे हो कर हमारी यात्रा हौले हौले बढ़ रही थी, बिना किसी चिंता के की हम चार घंटा लेट हैं , अरे ! ये क्या दिख रहा है? हम चकित होकर देख रहे थे सामने ताज महल  खड़ा था ,असली का ! जिसे देखने के लिऐ लोग दूर दूर से आते है,पैसे खर्च करते हैं हम उसका दीदाद मुफ्त में कर रहे थे, हमने खिड़की से उसे खूब निहारा,अंतिम झलक दिखने तक और उसके बाद गर्दन घुमाई तो क्या देखा ? आगरे का विख्यात किला सामने नजर आया। हमारी बांछे खिल उठीं, हमारे दोनों हाथ मे़ लड्डू थे सर कढ़ाई में न चला जाए इसलिए मन ही मन ट्रेन के सामने नत् मष्तक हो गए।  कहा, ऐ मेरी प्यारी ट्रेन तू धन्य है।आज तक कितनी गाड़ियों में सफर किया होगा पर जो कमाल  तुमने किया ,ऐसा नज़ारा किसी ने नहीं दिखाया ,तू चार के बदले छे घंटे देर से पंहुंच।ज्यादा से ज्यादा क्या होगा? शरीर ही तो जकड़ेगा ,सर में दर्द होगा पर  फट तो न जाएगा ।मंजिल भागी नहीं जा रही है ,वो वहीं रहेगी।

जा तुझे माफ किया।

हमने टिकट की पूरी कीमत वसूल  कर ली थी,बाकी की यात्रा बोनस पॉइंट मे़ हो रही है.....यात्रा जारी है आगे आगे देखते हैं होता है क्या?


Tuesday, January 23, 2024

दाता राम

 जय श्री राम।।


राम जी कितनों को तारेंगे?

हिसाब लगाया है?


इन दिनो अपने देश में राम नाम की नैया तैर रही है। उस पर सब अपनी अपनी तरह सवारी कर रहे हैं।कोई आध्यात्म को पाना चाहता है। किसी को सत्ता चाहिए,कोई यश की लालसा में है ,किसी को धन चाहिए।सब ओर राम नाम की लूट मची है।

इस लिस्ट में सबसे उपर अयोध्या नगरी का नाम है। 

राम लला के आगमन से तर गई अयोध्या नगरी,पहले की अयोध्या ,याद है न ? छोटा सा रेलवे स्टेशन देखा था,अब चकाचक हवाई अड्डे से लैस हो गई है‌।गलियों सड़कों का ऐसा कायाकल्प ,मानो किसी ने जादू की छड़ी घुमा दी हो।

तर गए अयोध्या वासी उनके दोनों हाथ में लड्डू हैं,सुविधा ओर रामलला की नगरी का नागरिक होने का आध्यात्मिक बोध ।

अगर नरेन्द्र मोदी जी चुनाव जीत गए तो इसे श्री राम भक्ति का प्रसाद माना जाएगा,वो भी तर जाऐंगे।

तर जाने वालों में शहर ही नहीं आसपास के होटल व्यवसायी भी हैं ।वहां के सारे होटल पहले से बुक हैं ,उस खास दिन ही नहीं बल्कि अब उनके दिन फिर गए समझिए,क्योंकी यह कॉरिडोर  पर्यटकों को ध्यान में रख कर विकसित किया जा रहा है। 

 उस क्षेत्र के ट्रांसपोर्ट वाले, 

मंदिर निर्माण से लेकर सभी निर्माण कार्य से जुड़े ल़ोग,तर गऐ।

छोटे व्यवसायी,जो कचौरी,जलेबा,रबड़ी या सभी खोंमचे वाले ,जो पर्यटको ं को खूब लुभाते हैं सभी कमा कर तर जाऐंगे।सरकारी पर्यटन विभाग ,रेल विभाग अथाह कमाई के श्रोत बन कर सरकार को तार देंगे,जय श्री राम।

श्री राम उनको भी तारेंगे जो कहीं न कहीं किसी रूप में जुड़ा है। लोग तीर्थ पर जातें हैं लौटने पर परिवार के लिए ,तस्वीरें,प्रसाद,चुड़ी बिंदी,सिंदूर लाता है,उन्हे भी तारेंगे प्रभु श्री राम।

सारा मिडिया जगत जिन्हे कई दिनों से परोसने के लिए सामग्री मिल गई इन दिनों इधर उधर खबर तलाशने से छुट्टी मिल गई है। सबका बेड़ा पार करेंगे श्री राम।।

कलाकारों की भी बन आई है,धड़ाधड़ भक्ति गीत लिखे गाऐ जा रहे हैं,तरह तरह के विडिओ बन कर बाजा़र में बिक रहे हैं।

जय हो राम का नाम।

सच कहा है ,राम नाम की लूट है ,लूट 

सको तो लूट।

 आईए अपने लिए कोई स्कोप हो तो राम नाम की नैया पर सवार हो जाइऐ 

अंतकाल पछताऐंगे जब,सब कुछ लेंगे, लूट।

।।जय श्री प्रभु राम ।।

Wednesday, January 10, 2024

शीत लहर का कहर

 शीत लहर का कहर जारी है !


इन दिनों पूरा उत्तरी भारत शीत लहर से थरथरा रहा है । हर कोई ठंड से जान बचा रहा है, कोई रजाई के अंदर घुसा हुआ है ।कोई अलाव ताप रहा है।

सबकी अपनी औकात , अपने तरीके हैं ,सब इसे भगाने में लगे हुए हैं ।यही लोग कुछ दिनों बाद गरमी दूर करने के उपाय ढ़ूंढ़ते नजर आऐंगे। जो मिला उसी में संतुष्ट हो जा़ऐं सो नहीं ,जो नहीं मिला उसके लिए बेहाल हुए जा रहे हैं। अरे भाई,किसी एक का साथ दो,ये क्या बात हुई जो आया उसे भगाया ।

मुझे सर्दियों का मौसम अच्छा लगता है, हमेशा।


इसकी बहुत सारी वजहें हैं।

जाडे़ के दिनों में लोग ज्यादा चुस्त दुरुस्त स्मार्ट नज़र आने लगते हैं।

 सर्दियों में  अपने देश में जहां  खुले बदन रहने का चलन  नहीं है,चाहे लड़की हो या लड़का।

अचानक से बहुत संस्कारी दिखने लगते हैं,सबों के बदन पर कपड़े होते है  तन प्रदर्शन करने, कम कपड़े पहनने की गुंजाइश नहीं रहती, तन प्रदर्शन करें तो कैसे ? गर्मियों में लड़कियां ना जाने  कैसे छोटे-छोटे कपड़े पहनकर निकल जाती हैं ।और ये लड़के ,  शॉट्स क्या आ गया है इसे पहनकर कहीं भी  चले जाते हैं,

चाहे सफर हो या होटल हो।   जैसे टांगे दिखाने का इनको लाइसेंस मिल गया हो। यही लोग सर्दियों में,कोट,जैकेट,स्वेटर में चुस्त दुरुस्त नजर आते हैं।

इसी बहाने हमारे गर्म कपड़े जो सामान्य कपड़ों की तुलना में काफी महंगे  होते हैं बक्से के बाहर निकलते हैं समझिए दाम वसूल होता है नहीं तो साल के 10 महीने  बंद करके रखना,  घर की जगह जो लेते हैं सो अलग। ऐ,सी. पंखा, फ्रिज, कूलर के बिजली का बिल कम आता है।मेहमान भी सिर्फ एक प्याली चाय से खुश हो जाते हैं।


गर्मियों में लोगों का दिमाग गरम हुआ रहता है,बेवजह आपस में उझलते रहते है ,

जबकि ठंड में लोगों का दिमाग भी ठंडा रहता है,जल्दी  तनाव में नहीं आते, लड़ते कम हैं।

हम गृहणियों को ठंड इसलिए भाता है क्योंकि सब्जियों और फलों की बहार होती है।

लोग बीमार कम पड़ते हैं,

कोई मन पसंद चीज थोड़ा ज्यादा भी खा लिया,हजम हो जाता है।।

और अंत में एक खास राज की बात !  

सर्दियों में मैचिग ब्लाउज की कोई टेंशन नहीं होती, शॉल स्वेटर के  अंदर 

किसी भी  रंग का पहन लिया किसी को पता नहीं चलता।

हा हा हा।



Sunday, January 7, 2024

वक्त का सैलाब

 किसी भागते पलों में तुमने थामा था मेरा हाथ, कहा था  चलेंगे साथ साथ।

वक्त का सैलाब तुम्हें न जाने, कैसे कहां ले कर चला गया,
 तुम्हें अपने साथ।
 मैं वहीं खड़ी हूं अब तक,
 तुम आ न जाओ तब तक।

तुम्हें ढूंढने की कोशिश की,
हजारों बार , पर,  
तुम न मिले एक बार,
लोगों से पूछा बार बार
,कब मिले थे तुम आखरी बार।