Wednesday, January 10, 2024

शीत लहर का कहर

 शीत लहर का कहर जारी है !


इन दिनों पूरा उत्तरी भारत शीत लहर से थरथरा रहा है । हर कोई ठंड से जान बचा रहा है, कोई रजाई के अंदर घुसा हुआ है ।कोई अलाव ताप रहा है।

सबकी अपनी औकात , अपने तरीके हैं ,सब इसे भगाने में लगे हुए हैं ।यही लोग कुछ दिनों बाद गरमी दूर करने के उपाय ढ़ूंढ़ते नजर आऐंगे। जो मिला उसी में संतुष्ट हो जा़ऐं सो नहीं ,जो नहीं मिला उसके लिए बेहाल हुए जा रहे हैं। अरे भाई,किसी एक का साथ दो,ये क्या बात हुई जो आया उसे भगाया ।

मुझे सर्दियों का मौसम अच्छा लगता है, हमेशा।


इसकी बहुत सारी वजहें हैं।

जाडे़ के दिनों में लोग ज्यादा चुस्त दुरुस्त स्मार्ट नज़र आने लगते हैं।

 सर्दियों में  अपने देश में जहां  खुले बदन रहने का चलन  नहीं है,चाहे लड़की हो या लड़का।

अचानक से बहुत संस्कारी दिखने लगते हैं,सबों के बदन पर कपड़े होते है  तन प्रदर्शन करने, कम कपड़े पहनने की गुंजाइश नहीं रहती, तन प्रदर्शन करें तो कैसे ? गर्मियों में लड़कियां ना जाने  कैसे छोटे-छोटे कपड़े पहनकर निकल जाती हैं ।और ये लड़के ,  शॉट्स क्या आ गया है इसे पहनकर कहीं भी  चले जाते हैं,

चाहे सफर हो या होटल हो।   जैसे टांगे दिखाने का इनको लाइसेंस मिल गया हो। यही लोग सर्दियों में,कोट,जैकेट,स्वेटर में चुस्त दुरुस्त नजर आते हैं।

इसी बहाने हमारे गर्म कपड़े जो सामान्य कपड़ों की तुलना में काफी महंगे  होते हैं बक्से के बाहर निकलते हैं समझिए दाम वसूल होता है नहीं तो साल के 10 महीने  बंद करके रखना,  घर की जगह जो लेते हैं सो अलग। ऐ,सी. पंखा, फ्रिज, कूलर के बिजली का बिल कम आता है।मेहमान भी सिर्फ एक प्याली चाय से खुश हो जाते हैं।


गर्मियों में लोगों का दिमाग गरम हुआ रहता है,बेवजह आपस में उझलते रहते है ,

जबकि ठंड में लोगों का दिमाग भी ठंडा रहता है,जल्दी  तनाव में नहीं आते, लड़ते कम हैं।

हम गृहणियों को ठंड इसलिए भाता है क्योंकि सब्जियों और फलों की बहार होती है।

लोग बीमार कम पड़ते हैं,

कोई मन पसंद चीज थोड़ा ज्यादा भी खा लिया,हजम हो जाता है।।

और अंत में एक खास राज की बात !  

सर्दियों में मैचिग ब्लाउज की कोई टेंशन नहीं होती, शॉल स्वेटर के  अंदर 

किसी भी  रंग का पहन लिया किसी को पता नहीं चलता।

हा हा हा।



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