जख्मी हूँ।
जख्म कहाँ है, क्यों बताऊं ?
कलेजा छलनी हुआ था, या पीठ पर ख़ंजर गड़ा था ?
क्यों बताऊं ?
बेड़ियां पैरों में थी या गले मे फंदा पड़ा था?
क्यो बताऊं?
बंधे थे हाथ दोनों या जुबां पर ताले पड़े थे थे ?
क्यों बताऊं ?
जख्म ये किसने दिए थे ,अपनो ने या गैरों ने ?
क्यो बताऊं ?
चाशनी में डूबा तीर था ,या मीठी थी ख़ंजर,
सोने की बेड़ियाँ थी,डोर रेशमी की थी।
रंग बिरंगे नकाबों में छुपे चेहरे ,
मत कर बेनकाब इन चेहरों को ।
हिल जाएगी भरोसे की नींव,
जिंदा रहने के लिए ,अच्छा है राज को राज , रहने दो !
जख्म कहाँ है, क्यों बताऊं ?
- तय
कलेजा छलनी हुआ था, या पीठ पर ख़ंजर गड़ा था ?
क्यों बताऊं ?
बेड़ियां पैरों में थी या गले मे फंदा पड़ा था?
क्यो बताऊं?
बंधे थे हाथ दोनों या जुबां पर ताले पड़े थे थे ?
क्यों बताऊं ?
जख्म ये किसने दिए थे ,अपनो ने या गैरों ने ?
क्यो बताऊं ?
चाशनी में डूबा तीर था ,या मीठी थी ख़ंजर,
सोने की बेड़ियाँ थी,डोर रेशमी की थी।
रंग बिरंगे नकाबों में छुपे चेहरे ,
मत कर बेनकाब इन चेहरों को ।
हिल जाएगी भरोसे की नींव,
जिंदा रहने के लिए ,अच्छा है राज को राज , रहने दो !