Thursday, April 14, 2016

आखिर कब तक?

आप हैदराबाद में वेमुला को आत्महत्या के लिये मजबूर करते हैं ।आप बाड़मेर में डेल्टा की हत्या करते हैं ।
दोनों दलित वर्ग के प्रतिभावान युवा थे।बल्कि डेल्टा के पिता ने अपनी लाड़ली की बहुमुखी प्रतिभा को भांप कर उसका नाम डेल्टा रखा था,नहर से निकली अजस्र धाराएं।  डेल्टा मार दी गई है,अब उसके चरित्र पर ऊँगली उठा कर, उसके परिवार को मानसिक रूप ,प्रताड़ित करने की साजिश है। क्षेत्र की लड़कियों ने इस वार अभी तक स्कुलो में नामांकन नही कराया  है ।यह खबर   बेशक,उनको  अच्छी लगेगी ,जिन्होंने यह  कुकृत्य किया ,करवाया होगा ।लेकिन कोई भ्रम में न रहें ,यह क्षणिक आतंक का प्रभाव है ।क्यों की उधर हैदराबाद ,इधर बाड़मेर ,लहर चल पड़ी है । बाड़मेर जैसे सुदूर स्थान में रह रहे मध्यमवर्ग के वासी ने व्यापार के लिए नही,अपने तीन बच्चों की शिक्षा के लिए बैंक से अठारह लाख का कर्ज लिया । क्या यही वो कदम नही है,जो जागरूकता की ओर उठ चुके हैं ।इन्हें रोक सको, तो रोक लो।

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