Monday, June 25, 2018

देश भक्ति कैसे?

हम फिल्म देख रहे थे अचानक पर्दे पर राष्ट्रगान दिखाया जाने लगा , सभी दर्शक उठ खड़े हुए लेकिन मैं अपने पैरों की समस्या की वजह से उठ नहीं पाई .जब राष्ट्रगान खत्म हुआ  तो मुझे   लगा कि हर कोई मुझे देख रहा है   मेरी मजबूरी थी फिर मुझे डर लगने लगा । इन दिनों देश का माहौल कुछ ऐसा बन गया है कि  ।कुछ स्वयंभू  नेता अपने  आप को भारतीय संस्कृति का रक्षक ,तथा कथित  देश भक्त।  ये लोग अपने तरीक़े से देशभक्ति  की व्याख्या  करते है ।उनके मुताबिक ,अगर  मैं जेएनयू में पढ़ती होती तो मुझे राष्ट्रद्रोही मान लिया जाता। अगर मैं मुस्लिम होती तो मुझे गद्दार मान लिया  जाता  ।फिर चाहे पुलिस से शिकायत हो या  पिटाई सबक सिखाने को कुछ भी  कर सकते हैं।

मैं हिंदू हूं क्योंकि मैंने हिंदू परिवार में जन्म लिया है मैं भारतीय हूं क्योंकि मैंने भारतवर्ष में जन्म लिया है   जन गण मन भारत का राष्ट्रीय गान है ((जो वस्तुतः चारण गान है) । हमें  उसका सम्मान करना चाहिए ।

में हिंदू हूं  लेकिन पूजा करने की मेरी कोई  बाध्यता  नहीं है।

मैं भारतीय हूं उसे साबित करने के लिए मुझे कोई बिल्ला नहीं लगाना पड़ता है ।

 वैसे ही  अपनी देशभक्ति को दिखाने के लिए  राष्ट्रगान के समय उठ खड़े होने की कोई बाध्यता  नही होनी चाहिए ।में मुझे लगता है ,सार्वजनिक   या मनोरंजन  स्थल पर राष्ट्रगान बजाना सही नही है । ना चाहते हुए भी हम उसका वह सम्मान नहीं  कर पाते हैं जो करना चाहिए  ।

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