Sunday, September 23, 2012

जब प्रोफेसर साहब बीमार पड़े

प्रोफ़ेसर साहब बीमार पड़ गए ! एक तो प्रोफ़ेसर -टीचर की जात जल्दी बीमार ही नही पड़ती हैं क्योंकि दुनिया के तमाम पथ्य- परहेज उन्हें पता रहता है और वे उन्हें आजमाते भी रहते हैं .और खुदा न खास्ता अगर किसी बीमारी ने उन्हें पटक भी दिया तो क्या मजाल जो झट से किसी डाक्टर को दिखला लें ! पहले तो इधर उधर के नुस्खे से ठीक होने की कोशिश करेंगे ,फिर नही तो किसी दवा दुकान दार से पूछ क़र दवा खा क़र ठीक होने की प्रतिक्ष्चा करेंगे . लेकिन इस वार तो प्रोफ़ेसर साहब बीमारी के फेरे में पड़ ही गए .असल में उन्हें कुछ दिनों के लिए ससुराल जाना पड़ा ,वहां का स्वागत -सत्कार ,यानि मसालेदार भोजन ,इन्हें ले डूबा .घर में तो जनाब ना खुद इस तरह का भोजन करते ना करने देते ..कुछ दिनों तक जब बुखार नही उतरा तो तय हुआ की अब किसी डाक्टर तो दिखा ही लिया जाय !क्यों की अब इसके बिना कोई उपाय भी नही था .काफी पूछ -पाछ के एक अनुभवी डाक्टर के पास गए .उन्होंने इन्हें टाईफाइड बतलाया .प्रोफ़ेसर साहब तो ठहरे डाक्टर के गुरु उन्होंने पूछा ,आपको कैसे पता मुझे यही बीमारी है ?बुखार तो कई तरह के होते हैं .डाक्टर को भी शायद पता चल गया था की उसका किस से पाला पड़ा है ,उसने कहा चूँकि आपके सभी लक्छ्न यही बता रहे हैं फिर मै कुछ टेस्ट भी लिख दे रहा हूँ आपको तसल्ली हो जाएगी .वाकई टेस्ट में वही निकला . शाम को शुभ चिन्तक प्रोफ़ेसर सब आये हाल चाल जानने के लिए .फिर किस डाक्टर को दिखाया ,उसने क्या कहा ,कौन -कौन सी दवा दी किस दवा का क्या डोज है इत्यादि पर मंथन हुआ . खैर ...इस तरह एक हफ्ता निकल गया लेकिन बुखार जाने का नाम ही ना ले .फिर सब सुभ -चिन्तक प्रोफेसरों ने निर्णय लिया की जरुर दवाई का डोज कम दिया गया है या दवा गलत है . (अरे ,अगर यही बात थी तो आप सभी खुद ही डाक्टर नही बन गये होते. डाक्टर नही बन पाए तभी तो प्रोफ़ेसर बन गए ! )....आखिर डाक्टर किस लिए है .फिर से डाक्टर के पास गए ,लेकिन उसने आत्म विस्वास के साथ कहा दवा भी सही है और डोज भी .,बुखार चूँकि मियादी है इसलिए वो तो अपना समय ले क़र ही जायेगा .और ये भी कहा की उनका खुद का भाई चालीस दिनों तक यही बीमारी भोग चुका है .लेकिन प्रोफ़ेसर साहब इसी उधेड़ बुन में हैं की ये सब मेरे पढाये हुए मुझे ही चराने चले हैं ! अब वे दिल्ली का रुख करने की सोच रहे हैं ,क्यों की दिल्ली के डाक्टरों को उन्होंने नही पढ़ाया है !

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