Thursday, November 28, 2013

कभी सोचा है ?

 
कभी सोचा है ? कडाके की ठण्ड को ,गुदडी ओढ कर काटने वाला ,जब तुम्हारा गर्म लिहाफ सहेज कर रखता है ,तब उसके मन में क्या चल रहा होगा ?सोचा है कभी?
 कभी सोचा है ? रात की बची ,बासी रोटी खा कर, तडके तुम्हारे लिए गरमा-गरम ब्रेक –फास्ट बनाने वाले के मन में क्या चल रहा होगा ?
सोचा है कभी ?
कभी सोचा है ?बुखार से तपते अपने बच्चे को बस से डाक्टर को दिखाने वाला ,जब तुम्हारे बच्चे को बड़ी सी गाड़ी में सैर करवाने
ले जाता है,तब उसके मन में क्या चल रहा होगा ?सोचा है कभी ?
                जैसे तुम नहीं सोचते ,वो भी नहीं सोचता होगा .
अगर सोचने बैठा तो ,फट जाएँगी उसके दिमाग की नसें ,बिखर जाएगा
उसका आशियाना. अच्छा है ,उसके लिए नही सोचना.
लेकिन तुमने सोचना क्यों छोड़ दिया ?तुम तो सोच सकते हो .
सोचो तो कभी !


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