Thursday, August 31, 2023

गाम आऊ न

 मैथिल मोनक उद् गार


हम बसै छी, दिल्ली बम्बई,

मोन बसईयै  मिथिले में !

चलु रे भैया,चलु यै बहिना, 

गाम चलु अहि छुट्टी में,


 दुर्गा पूजा में हम जबै,

मा़ं दुर्गा के दर्शन करबै,

मैया सं हम आशीष मंगबै।

और मैया के भोग लगेबै।

        लड्डू,पेड़ा और जिलेबी।                          तखन उपर सं पान मखान  ।


चलु रे भैया,चलु यै बहिना, 

गाम चलु अहि छुट्टी में,


गामक मेला नीक लगैया,

पाव भाजी सं मोन घुमैया

ऐतय ने भेटय मुड़ही कचरी,

    माछ भातक दोकान कहां,


चलु रे भैया,चलु यै बहिना, 

गाम चलु अहि छुट्टी में,


,माईक कोर सन अप्पन मिथिला,

आन कतहु ने चैन  भेटैया ।

अप्पन भाषा अप्पन बोली,

सुनितहि होईयै हर्षित प्राण।


चलु रे भैया,चलु यै बहिना, 

गाम चलु अहि छुट्टी में।


दुर्गा पूजा आबि रहल अछि,सबगोटे गाम चलै चलू,

एखन आहां गाम के छोड़ने छी,बाद में गाम आहां के छोड़ि देत। अपन गाम घर के,ओगरि क राखू,ई अप्पन घरोहरि थिक,अप्पन सुंदर संस्कृति विनाशक कगार पर अछि एकरा सम्हारय के भार हमरे सब पर अछि।सम्हारु ने!



No comments:

Post a Comment