Monday, September 6, 2010

स्ववार्ता

.आई भोरे सं पानि लदने अछि .पछिला एक सप्ताह सं यैह भय रहल छैक .ओछान-बिछान ,घर -आगन ,सबटा सेमल बुझाइत अछि .भरोस नहि होइया जे आब जल्दी उबेर हेतैक .अहि लोक के,कि कही जखन मुख्यमंत्री शीला दिक्छित सेहो कल जोड़ी क इन्द्र भगवान सं त्राहि -माम के गोहार क रहल छति
पता नहि चेरापूंजी में लोक सब कोना क रहैत हेतैक .
दिल्ली में केहनो,पानि -बतास ,या सित्लहरी कियक ने होऊ ,अहि ठामक लोक के दिनचर्या नहि रूकैतछैक .तैं सब के अपन-अपन ठाम पर क बिदा क
अपना लेल एक कप गरमा -गरम चाह बनौलहूँ मोन त ओही चाह संगे कचरी खै के होइत छल मुदा बनब के आलस्य दुआरे अनठा देलियैक

No comments:

Post a Comment