कल काफी दिनो बाद किसी बच्चे के जन्मदिन की पार्टी में जाने का मौका मिला .वहां पहुँचने पर ढेर सारी यादें ताजा हो गईं .जब तुम लोग छोटे थे .महीनो पहले से जन्मदिन का इंतजार शुरू हो जाता था .नए कपडे ,पार्टी और फिर गिफ्ट .वहां भी वही हाल था .दो छोटी -छोटी लड़कियां थीं ,जन्मदिन एक का था लेकिन दोनों की तैयारी बराबर थी .एक ने झालर वाली फ्रोक पहनी थी तो दूसरी ने नेट का शलवार कुर्ता ख़रीदा था .वो तो बस अपना दुपट्टा ही सम्हालने में व्यस्त थी .मैचिंग चूड़ियाँ ,क्लिप ,हेयर बैंड ,और दोनों की जूतियाँ भी मैचिंग थीं .काफी गर्मी पड़ रही थी लेकिन उनके उत्साह में कोई कमी नहीं थी .घर में म्यूजिक सिस्टम नहीं है कोई बात नहीं ,पापा के मोबाईल के गाने पर ही बच्चे बड़े मजे से डांस कर रहे थे .छोटा सा कमरा था . कुर्सियां कम थीं ,हमलोग बिस्त्तर पर चढ़ कर बैठे थे .सारा खाना घर में ही बना था .बच्चों की मम्मी परेशान थी हांलांकि पड़ोसिने मदद जरुर कर रही थी .बच्चों के पापा बाहरमेहमानों के स्वागत में लगे थे .मुझे अपने समय की याद आ गयी .तब तुम्हारे पापा भी पहले से घर में मेरी कुछ मदद नहीं थे हाँ ऐन मौके पर जरा जल्दी आ कर मेहमानों के पास जरूर बैठ जाते थे .ये मुझे पार्टी वार्टी मनाने से मना नहीं करते थे मेरे लिए यही बहुत बड़ी बात थी .मेरा भी यही हाल हुआ करता था सारा कुछ मुझे ही सम्हालना होता था ,लेकिन कितना मन लगता था।इतना सारा काम करके भी थकावट नहींहोती थी तुम्हे खुश देख कर मन गदगद हो जाता था .
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