Friday, September 7, 2018

रिटायरमेंट नही रि स्टार्ट|

जीवन की दुसरी पारी|
आज पुतुल दी का जन्मदिन है,और आज ही उनके रिटायरमेंट का दिन भी है| मुझे लगता है,स्कूल ने उनके जन्मदिन पर सबसे बढि़या गिफ्ट दिया है| पुतुल दी फिल्में बहुत देखती है ं|मुझे दिल वाले...का वो डायलॉग उन पर सही लगता है,
'जा सिमरन जा,जी ले अपनी जिंदगी |'
सब तरह से फिट पुतुल दी कहीं से भी रिटायर्ड नही दिखती ,अच्छा है अब वो अपनी उन शौक के काम कर पाऐंगी जो अब तक नही किया |
हां उनके स्कूल के सहकर्मी,और नन्हे छात्र उन्हें जरूर मिस करेंग |मै ऐसा इस लिए कह रही हूँ क्यों की एक दिन उनका मोबाइल पर्स मे मेरे नम्बर पर लग गया ,ये टच स्क्रीन का कमाल था| उस एक घन्टे के दौरान उनके कार्यस्थल का जायजा मिल गया| वो छोटे बच्चे की क्लास थी| हम अपने एक दो बच्चे को पालने मे परेशान रहते हैं उधर ढे़र सारे बच्चों को सम्हालना छोटे बच्चों की छोटी छोटी शिकायतें इसने मेरी पेंसिल छीनी ,उसने मुझे धक्का मारा |अटेंडेंस की बारी आई कोइ सो रहा है,उसे उठवा कर हाजरी बनवाना| कोइ बच्चा नही आया तो क्यों नही आया| इतनी चिन्ता कौन करता है भला| यही उन्हे फेवरिट मैम बनाता है|
पुतुल दी हमारी भी फेवरिट हैं| हर जगह ,हर तरह की परिस्थिति में फिट होने वाली, गाना हो चाहे खाना बनाना और कई गुणों का पावर पैक |पुतुल दी को ढेर सारी शुभकामनाएं|

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