अच्छा है , देह बन कर रहना,
जब,जहाँ, जैसा, बन जाना,
शौक,अरमान,सपने,उमंग,
फेंक कर अंधे कुंए मे,
लौट कर वहीं आना।
बिछा देना इस देह को
घर की देहरी पर । चाहे रखें जूते की नोंक पर
या घसीटें चप्पलों से ।
टांग देना इसे दीवार पर ,
तस्वीर की तरह ।
न बीधेंगे व्यंग बाण,
न आहत होगा मन,
गूँजेगी घर में,
पहले ध्वनि, फिर प्रतिध्वनि।
बिस्तर पे बिछ कर, रसोई मे घुस कर,
इस देह को छोड़ देना।
अब न सिसकेगा, न समझेगा ।
कैसा होता है जलील हो कर रहना ।
अच्छा है, देह बन कर रहना ।
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