Sunday, April 16, 2023

हाय !हम डिजिटल हो गए ।

 हाय हम डिजिटल हो गए ।

ऐ बिहार की जनता तुमने खूब जातिवाद कर ली ,अब लो भुगतो ,सरकार ने तुम्हारी कोडिंग कर दी है ।अब बिहार सरकार ने जातिगत कोड जारी किया है,उसमे अपना नंबर याद कर लो , हां आसपास वालों के भी करना होगा ,मतलब उलझे रहो,इस डिजिट के चक्कर में।एक हमारा आधार नंबर पहले से मौजूद है अब ये दूसरा नंबर।ये
21वीं सदी जब से आया है तब से हमें डिजिटल करने की साजिश की जा रही है

पहले हमारे  घरों को डिजिटल किया गया,  फिर गलियों मुहल्लों को।
खुशी की बात है कि अभी तक हम अपने नाम से जाने जाते है,क्या पता कुछ दिनों बाद  शायद हम भी xyz कहाने लगें । 

पहले के पते कुछ यूं होते थे,असर गंज,टेढ़ी गली, मीठी नीम में,गुप्ता जी रहा करते थे, फिर हुआ A ब्लॉक में तीसरी गली अब जब गुप्ता जी को ढूंढना हो तो पता होता है,  नाम सेक्टर/11,बलॉक/b, रोड नंबर/6,क्वाटर नम्बर 13।
हे भगवान इतना पढ़कर तो कोई मैथ्स पास कर ले।

इम्तिहानों डिजिटल मुहावरे का मतलब पूछा जाएगा

प्रश्न कुछ यूं होगा,
100 /13 की ,और 1/194 की, 
का क्या  मतलब?
 उत्तर
(100 सुनार की 1 लोहार की ,)

कहानी होगी ,एक गांव में एक गरीब 126रहता था।उसका मित्र  95 था राह में उन्हे 13 और195 मिल गए।....…
अब पढ़ने वाला के दिमाग की दही न बन जाए तो समझें ।
लेकिन हम लोग भी अपनी आदतों को भला क्यों छोड़ें? जात तो हम पूछेंगे ही।

बिहार में आपके पड़ोस में कौन आया है जानने के लिए सीधा सपाट तरीका  है पूछते हैं ,आपके पड़ोस में  ,किस जात का आदमी आया है? आने वाले की हैसियत उसकी जात से जानी जाती है अगर आपने बताया कोई  सिंह जी हैं, तो उधर से कहा जाएगा ,

ई तो नाम में सिंह  लिखा है ,चालाक बनता है, ज़रा ठीक से पता लगाईये ये कहीं142,भैंसिया के सिंग तो नहीं है?

 सरकार लाख कोशिश कर ले हम नहीं सुधरे़गे।

No comments:

Post a Comment