अभी पुरे देश में दाखिलों का मौसम चल रहा है .न जाने कितने युवाओं के सपने ,ऊँची उडान भरने को अपने पंख तौल रहे होंगे .लेकिन अच्छे कॉलेजों के जों कट ऑफ़ मार्क्स होते हैं उनसे उन्हें काफी हतासा का सामना करना पड़ता है .खास करके वैसे मेधावी विद्यार्थी जों या तो राज्य स्तरीय बोर्ड के विद्यार्थी हैं या किसी कारणवश ९०-१००% का वह जादुई आंकड़ा नहीं प्राप्त क़र पाए हों ।
जब राज्य सरकार प्राथमिक सिक्छा और १०+२ के नए -नए स्कूल खोल रही है तो उसे उसी अनुपात में कोलेज भी खोलना चाहिए ,या कम से कम उन प्रतिष्ठित कोलेजों में निर्धारित सीटों कीसंख्या बढ़ाना चाहिए ,जहाँ पढ़ने का सपना हजारों विद्यार्थी अपनी आखों मेसंजोये रहते हैं.
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