आखिर वही हो रहा है जिस बात का डर था .लगता है ,अन्ना हजारे या बाबा रामदेव का अनशन व्यर्थ चला जायेगा .क्योंकि सरकारी मायाजाल इन्हें अपने छलावे में कपट पूर्वक उलझा रही है ।
कपिल सिब्बल और चिदंबरम तो मिडिया के सामने अन्ना हजारे की छवि घर के ऐसे बुजुर्ग की बना रहे हैं जो व्यवहारिकता से दूर एक अज्ञानी व्यक्ति हों ,जो ऐसी वस्तु मांग रहे होंजिसे पूरा करना संभव ही नहीं हो .इस लिए ये लोग उन्हें आश्वासन का झुनझुना दे क़र बहला रहे हैं ताकि बुढहा ज्यादा बुढ-बुढ न करे ,यानि फिर से अनसन न करे ।
लोकपाल कमिटी मेशमिल ,पांचो गैर सरकारी व्यक्ति कोई साधारण व्यक्ति नहीं हैं जिन्हें कानून या संविधान की जानकारी न हो .फिर अगर कोई कानूनी अड़चन आ भी रही हो तो उसे सभी सदस्यों को साथ मिल क़र निबटाना होगा ,न की अन्ना हजारे का मजाक उड़ा क़र ।
सरकार के इन वरिष्ठ मंत्रियों का यूँ किसी बुजुर्ग का मजाक उड़ना शोभा नहीं देता .
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