बोलते अक्षर
hindi
Tuesday, October 5, 2010
पता
दूसरों का पता रखना, दूसरों को पता बताना,
तेरा अपना पता क्या है?
जो, तुझे अपना ही पता,
नहीं
पता,
फिर गैरों कि क्यों पता?
तेरा असली पता, तेरे अन्दर है।
क्यों उसे ढूंढ़ता है बाहर, पता
नहीं
।
अगर मिल जाये ,तुझे अपना पता,
दुनिया को पता, चल जायेगा तेरा पता .
1 comment:
vandana gupta
October 5, 2010 at 5:03 AM
वाह क्या बात कह दी।
खोजते खोजते मै खुद खो गया
जिसे खोजता था स्वंय हो गया
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वाह क्या बात कह दी।
ReplyDeleteखोजते खोजते मै खुद खो गया
जिसे खोजता था स्वंय हो गया