आधुनिकता ने हमे दो चीजों का श्राप दिया है।बाहरी तौर पर प्रदूषण और भीतर से तनाव और डिप्रेसन । !अब डाक्टर भी कहते पाए जाते हैं कि हर बीमारी की जड़ यही नासपीटा तनाव है। यहां तक कि फोड़े फुंसी भी ?
कैसे ,कैसे ,कैसे ?
वो ऐसे ,की जब कोइ राज आप अपने भीतर छुपा कर रखते हैं ।जाहिर हैअब कम ही लोग खुले दिल के होते हैं । इसलिए हर चीज की तरह कुछ दिनों में ये भी सड़ने लगतीं हैंं । शायद यही वो वजह हो सकती है ।
अलबत्ता,टेंसन नही लेने का ,बिंदास रहने का,टेंसन देने का,लेने का नही ,जुमले खूब उछाले जाते हैं, दुकान में आकाश छूती मंहगाई की बात पर दुकानदार झट से कहेगा आप इसकी 'टेंसन मत' लो जी ।
भैया पैसे मुझे देने हैं टेंसन कैसे न् लूं?
कुछ मामलों में टेंसन हो ही जाती है ।
आपने खूब मेहनत कर सुख सुविधा के सभी साधन जमा कर लिए। सोचा होगा अब चैन से रहेंगे, कोई टेंसन नही होगा।लेकिन सुबह सुबह जब काम वाली बाई नही आती है ,उस समय की बैचैनी याद है?
तो पूरे दिन टेंसन टेंसन टेंसन
ऐसे ही आप की टेंसन की कई वजहें ड्राईवर ,गार्ड वगैरा होती हैं।
बच्चे स्कूल से लौटते हैं।
कहीं बैग,कहीं जूते, सबसे पहले टी.वी.खोल कर बैठ जाते हैं।
झुँ झुँ झुँ झुंझुलाहट।
ऐसे टेंसन के मौक़े आते रहेंगे,बस कोशिश करें इन मौके पर कूल बने रहें।बच्चे बैग,जूते फेकेंगे ही, उठाना आपका काम है।अबतक नही सिखाया तो कभी नही सीखेंगे। बच्चों के साथ आप भी टी वी देखें।
पतिदेव शाम को शॉपिंग का वादा कर के नहीं आते हैं।
गु गु गु गुस्सा।
आज नहीं तो कल उन्ही के साथ शॉपिंग करना है। इस गलती का फायदा उठाने का मौका नहीं चूकें। आईस क्रीम की फरमाइश करें ।क्यों क्या की ओर मन को न लगाएं , गुस्से की दहक कम होगी।
कैसे ,कैसे ,कैसे ?
वो ऐसे ,की जब कोइ राज आप अपने भीतर छुपा कर रखते हैं ।जाहिर हैअब कम ही लोग खुले दिल के होते हैं । इसलिए हर चीज की तरह कुछ दिनों में ये भी सड़ने लगतीं हैंं । शायद यही वो वजह हो सकती है ।
अलबत्ता,टेंसन नही लेने का ,बिंदास रहने का,टेंसन देने का,लेने का नही ,जुमले खूब उछाले जाते हैं, दुकान में आकाश छूती मंहगाई की बात पर दुकानदार झट से कहेगा आप इसकी 'टेंसन मत' लो जी ।
भैया पैसे मुझे देने हैं टेंसन कैसे न् लूं?
कुछ मामलों में टेंसन हो ही जाती है ।
आपने खूब मेहनत कर सुख सुविधा के सभी साधन जमा कर लिए। सोचा होगा अब चैन से रहेंगे, कोई टेंसन नही होगा।लेकिन सुबह सुबह जब काम वाली बाई नही आती है ,उस समय की बैचैनी याद है?
तो पूरे दिन टेंसन टेंसन टेंसन
ऐसे ही आप की टेंसन की कई वजहें ड्राईवर ,गार्ड वगैरा होती हैं।
बच्चे स्कूल से लौटते हैं।
कहीं बैग,कहीं जूते, सबसे पहले टी.वी.खोल कर बैठ जाते हैं।
झुँ झुँ झुँ झुंझुलाहट।
ऐसे टेंसन के मौक़े आते रहेंगे,बस कोशिश करें इन मौके पर कूल बने रहें।बच्चे बैग,जूते फेकेंगे ही, उठाना आपका काम है।अबतक नही सिखाया तो कभी नही सीखेंगे। बच्चों के साथ आप भी टी वी देखें।
पतिदेव शाम को शॉपिंग का वादा कर के नहीं आते हैं।
गु गु गु गुस्सा।
आज नहीं तो कल उन्ही के साथ शॉपिंग करना है। इस गलती का फायदा उठाने का मौका नहीं चूकें। आईस क्रीम की फरमाइश करें ।क्यों क्या की ओर मन को न लगाएं , गुस्से की दहक कम होगी।
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