Thursday, July 5, 2018

रेलगाड़ी

कहीं पर्यटन पर जा रहे हों और सफर की शुरूआत लंबी दूरी की ट्रेन से हो तो आनंद आ जाता है बिना किसी बाधा विघ्न के इतनी अच्छी नींद तो होटल के कमरे में भी नहीं आती है सुबह की चाय के लिए बैरा घंटी बजा  ही देता है न मॉर्निंग वॉक की झंझट और ना टाइम पर चाय पीने की मजबूरी इतनी चैन की नींद ट्रेन मे ही संभव होती है । खिड़की के पास वाली सीट भाग्य वालों को मिलती है अगर सामने वाले बर्थ के सहयात्री का चेहरा पसंद ना हो तो भी खिड़की वाली सीट काफी राहत देती है। रंगों की अलग-अलग छटा देखनी है तो फसल के समय में दिखती है रंग चाहे हरा हो या पीला ।सरसों के खेत का पीलापन ,रंगों के इतने बारीक अंतर आपको कहीं नहीं मिलेंगे भारत एकता में अनेकता का देश है इसका अनुभव आपको रेल यात्रा में मिलेगा ।  हर 7 कोस पर बोली और पानी बदलती है यह साक्षात दिखता है , स्थानीय लोगों की भाषा ,पहनावा आहिस्ते आहिस्ते बदल जाती है ।एक ही हिंदी उसके कई रूप सुनने को मिलेंगे हैं  आप किस इलाके में है ये वहाँ के लोगों को  देख कर समझ जाऐंगें ।लोग चढ़ते हैं उतरते हैं, बातें करते हैं नए नए चेहरों को देखना एक अलग  अनुभव प्रदान करता है ।अगर आप उत्तर भारत से दक्षिण भारत की तरफ जा रहे हों तो आश्चर्य लगता है संस्कृति  मे इतना अंतर ,धीरे-धीरे भाषा की पकड़ एकदम कमजोर होने लगती है कुछ भी पल्ले नहीं पड़ता है लेकिन पैसे की भाषा सब जगह चलती  है  ।    AC के अंदर से  देखना ,लगता है जैसे हम TV देख रहे हों तेजी से बदलते दृश्य आपको पलक झपकाने का मौका नहीं देती है। सफर करने के दौरान आपको लगेगा कि भारतीय रेल भारत की लाइफ लाइन है सस्ती भी है और आरामदायक भी है।

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